Green Energy Plant, Red Alert! नागपुर में सोलर प्लांट बना मौत का प्लांट

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

नागपुर में शुक्रवार सुबह एक भीषण औद्योगिक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। बुटीबोरी MIDC Phase-2 स्थित Awada Solar Plant में एक विशाल पानी का टैंक अचानक फट गया, जिसकी चपेट में वहां काम कर रहे मजदूर आ गए।

इस हादसे में 3 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

Irony यह है कि जिस प्लांट को clean energy और safe future का प्रतीक माना जाता है, वही आज unsafe working culture की तस्वीर बन गया।

Blast के बाद मचा Chaos, दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टैंक फटने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों में लोग घबरा गए। कुछ सेकंड में पूरा प्लांट panic zone में तब्दील हो गया।

स्थानीय लोग मौके पर दौड़े और पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस, फायर ब्रिगेड, आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंच गईं और घायलों को एंबुलेंस से नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

War Level पर Rescue Operation, JCB से हटाया गया मलबा

रेस्क्यू ऑपरेशन को war footing पर चलाया गया। मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए JCB और heavy equipment का इस्तेमाल किया गया।

पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पूरे औद्योगिक क्षेत्र में इस घटना के बाद दहशत और गुस्से का माहौल है।

Workers का आरोप: Safety सिर्फ फाइलों में थी

हादसे के बाद मजदूरों और स्थानीय लोगों का गुस्सा साफ दिखा। मजदूरों का कहना है कि Safety norms का सही पालन नहीं हो रहा था। Heavy tanks की नियमित जांच नहीं की गई। Warning systems सिर्फ कागज़ों तक सीमित थे।

factories में अक्सर “Safety First” बोर्ड सबसे पहले लगते हैं, लेकिन Safety Last में लागू होती है।

जांच के आदेश, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई?

प्रशासन ने हादसे की high-level inquiry के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक Tank blast के कारणों की गहन जांच की जाएगी। यदि negligence या rule violation पाया गया तो सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता घायलों का इलाज, पीड़ित परिवारों को मुआवजा और मदद।

Bigger Question: मजदूरों की जान कितनी सस्ती है?

यह हादसा सिर्फ एक accident नहीं, बल्कि industrial safety system पर बड़ा सवाल है।

हर बार की तरह जांच होगी, बयान आएंगे कुछ रिपोर्ट्स बनेंगी लेकिन असली सवाल वही रहेगा— क्या अगला हादसा रोका जाएगा?

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